फिर एक आख़िरी दिन सब ऐसा ही होगा जैसे पहले दिन से था,
तुम होगे जब अपनी अंतिम सीढ़ी पर,
साँस तैयार होंगी एक बार बाहर जाने के बाद
हमेशा के लिए आज़ाद हो जाने के लिए।
तुम देखना अपने आस पास अगर कुछ क्षण रहें होश के तुम्हारे पास,
अगर मृत्यु करे थोड़ा विलंब और तुम देख पाओ उसके आने के संकेत।
तब देखना ,
सूरज निकलेगा उतनी ही गर्मी के साथ,
हवा बहेगी अपनी रफ्तार में मस्त मगन,
आसमान रहेगा तब वही नीले रंग का।
पानी बहता जाएगा नदियों में, समंदर में,
पहाड़ खड़े होंगे अपने विशाल स्वरूप में।
फिर देखना एक बार इस संसार को,
जहाँ आज भी दौड़ रहे हैं लोग इधर से उधर,
आज भी बोझ लेकर सब भागे चले जा रहे हैं।
आज भी किसी के पास साँस लेने भर की फुरसत नहीं है।
आज भी पैसे के पीछे पागल हुई है दुनिया।
आज भी कोई लड़ रहा है कोई गिड़गिड़ा रहा है किसी के सामने,
आज भी कोई गुस्से से आग बबूला हुआ है किसी छुट पुट सी बात पर।
फिर याद करना अपने पुराने दिन जब तुम भी ये सब में उलझे हुए थे,
फिर देखना एक बार राह में कि मृत्यु बस आती ही होगी।
फिर देखना अपने बैंक अकाउंट चेक करके,
देखना कितनी जमीन तुम्हारे नाम लिखी है,
देखना अपने दोस्त परिवार वालों को जिनपर तुम्हे घमंड था,
फिर हँसना खूब जोर से अपनी इन सब बेवकूफ़ियों पर ,
वो सब बेवकूफी जो तुम बहुत ज्यादा गंभीर होकर करते चले आ रहे थे,
जिन पर कभी हँस नहीं पाए क्योंकि सब मैं को प्रोत्साहन देती आयी थीं।
आज हँसना उन सब पर और अपने मैं पर,
खूब खुश हो जाना, इतना खुश की ख़ून दौड़ जाए तुम्हारे चेहरे तक और रौनक आजाये उजड़े हुए चेहरे पर भी।
फिर देखना मृत्यु की राह और बेसब्री से देखते रहना उस तरफ़।
ऐसे देखना जैसे अब उसी रास्ते नया बसेरा है।
तुम गाना गीत उसके इंतजार में,
आख़िरी दिन ऐसा हो जैसे उत्सव हो कोई।
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