जैसे किसी बाग में पौधों पर फूल ना खिल सकें तो हवा, पानी, खाद, बीज कई कारण हो सकते हैं परंतु इन सबमें से मुख्य कारण माली का सजग ना होना माना जायेगा, ऐसे ही अगर किसी बच्चे के चेहरे पर अगर फूल ना खिल रहे हों, उसके भीतर से ऊर्जा उछाल नहीं मार रही तो इसका पूरा दोष माता पिता को दिया जाना चाहिए। ~ #ShubhankarThinks
ये दुनिया बांटी हुई है दो पक्षों में,
एक अच्छाई का पक्ष, एक बुराई का,
एक साफ़ पक्ष, एक गंदा पक्ष
एक अनपढ़ का पक्ष, एक बुद्धि जीवी पक्ष,
एक अमीर पक्ष, एक गरीब पक्ष,
एक वाम पक्ष, एक दक्षिण पक्ष
एक धार्मिक पक्ष, एक नास्तिक पक्ष
अगर आपको सामाजिक रहना है तो आपको
एक पक्ष में खुद को ढालना होगा,
किसी एक को पूर्ण सहमति देनी होगी
और दूसरे पक्ष को विपक्ष मानना होगा।
इनमें से किसी भी पक्ष का हिस्सा बनने के
लिए आपको देनी होगी अपनी स्वतंत्र सोच
और विवेक की बलि।
यही होगी पराधीनता के इस समर में पूर्ण आहुति।
अन्यथा वैचारिक स्वतंत्रता का मूल्य है एकाकीपन।
#स्वतंत्रता_दिवस
#Happy_Independence_day
#ShubhankarThinks
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