वैसे तो सभी जी रहे हैं अपनी जिन्दगी अपने हाशिये से कुछ अनुभव दर्शाता चलूंगा, कुछ जीने के तरीके मैं भी बताता चलूंगा। दुनिया बंट गई है, झूठे सच्चे किस्सों में, कुछ हकीकत के किस्से मैं भी सुनाता चलूंगा, सच को सच की तरह ही बताता रहूंगा। उम्मीदें हारते कुछ उजड़े जनों में, हास्य व्यंग मैं अपने सुनाता चलूंगा, हौसले डोरी से बंधवाता रहूंगा। बेशक भूल जाएं मुझे शख्स सारे, अपनी मौजूदगी दर्ज़ कराता रहूंगा, कोरे पन्नों पर कलम यूं चलाता रहूंगा। #ShubhankarThinks