प्रेम को जितना भी जाना गया वो बहुत कम जाना गया, प्रेम को किया कम लोगों ने और लिखा ज्यादा गया। ख़ुशी मिली तो लिख दिया बढ़ा चढ़ाकर, मिले ग़म तो बना दिया बीमारी बनाकर। किसी ने बेमन से ही लिख दी दो चार पंक्ति शौकिया तौर पर, कोई शुरुआत पर ही लिखता रहा डुबा डुबा कर। कुछ लगे लोग प्रेम करने ताकि लिखना सीख जाएं, फ़िर वो लिखने में इतने व्यस्त कि भूल गए उसे यथार्थ में उतारना! हैं बहुत कम लोग जो ना बोलते हैं, ना कुछ लिखते हैं उनके पास समय ही नहीं लिखने के लिए, वो डूबे हैं प्रेम में पूरे के पूरे। वो जानते हैं की यह लिखने जितना सरल विषय है ही नहीं इसलिए वो बिना समय व्यर्थ किए कर रहे हैं उस हर पल जीने की। उन्हें दिखाने बताने, समझाने जैसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं दिखती,वो ख़ुद पूरे के पूरे प्रमाण हैं, उनका एक एक अंश इतना पुलकित होगा कि संपर्क में आया प्रत्येक व्यक्ति उस उत्सव में शामिल हुए बिना नहीं रह पायेगा। वो चलते फिरते बस बांट रहे होंगे, रस ही रस। ~ #ShubhankarThinks
बातें बनाने में लोगों का जवाब नहीं है,
वैसे आदत ये उनकी खराब नहीं है|
फ़र्क होता है बातों बातों में,
उनके पीछे छिपे इरादों और जज्बातों में|
जैसे,
कुछ सादा सी बातें जो गोल गोल घूमती हैं,
कुछ टेढ़ी सी बातें जो झूठ बोलती हैं|
कुछ मीठी सी बातें जो गोल मोल सी हैं,
कुछ कड़वी सी बातें जो सिर्फ सच बोलती हैं|
कुछ बेमतलब की बातें जो हँस बोलती हैं,
कुछ मतलब की बातें, जिनमें जरूरत बोलती है|
कुछ लड़ाई की बातें जिनमें मोहब्बत बोलती है,
कुछ व्यंग्य सी बातें जो सिर्फ नफ़रत घोलती हैं|
कुछ प्यार की बातें जो दिल से बोलती हैं,
कुछ इज़हार की बातें जो खुल कर बोलती हैं|
कुछ इकरार की बातें जो दिल खोल बैठती हैं,
कुछ इंकार की बातें जो दिल तोड़ बैठती हैं|
कुछ दोस्ती की बातें जो सीधे दिल में उतरती हैं,
कुछ चालाकी की बातें जो दिल से उतरती हैं|
कुछ राजनीति की बातें जो लुभावनी सी हैं,
कुछ कूटनीति की बातें जो डरावनी सी हैं|
कुछ बच्चों सी बातें, जो बहुत बोलती हैं,
कुछ समझदारी की बातें, जो अब कम बोलती हैं|
कुछ चापलूसी की बातें जो सलाम ठोकती हैं,
कुछ वफ़ादारी की बातें जो जान झोंकती हैं|
कुछ डरी हुई सी बातें, जो बहुत धीमे बोलती हैं,
कुछ दबी कुचली बातें, जो बस मन में ही बोलती हैं|
और ना जाने दुनिया में कितने तरह की बातें हैं,
जज़्बात रखने के लिए लोग क्या क्या रुख़ अपनाते हैं|
जज़्बातों पर बातों को यूँ ही हावी रखिये,
बात समझने की कोशिश हमेशा जारी रखिये|
क्योंकि हर बात कुछ ना कुछ जरूर कहती है|
#ShubhankarThinks
Bhut behtreen🙈👏👏👏
ReplyDeleteBhut behtreen👏👏👏
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