जैसे किसी बाग में पौधों पर फूल ना खिल सकें तो हवा, पानी, खाद, बीज कई कारण हो सकते हैं परंतु इन सबमें से मुख्य कारण माली का सजग ना होना माना जायेगा, ऐसे ही अगर किसी बच्चे के चेहरे पर अगर फूल ना खिल रहे हों, उसके भीतर से ऊर्जा उछाल नहीं मार रही तो इसका पूरा दोष माता पिता को दिया जाना चाहिए। ~ #ShubhankarThinks
वैसे तो हर रोज आप एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते होंगे मगर कभी आपने खिड़की से बाहर हाथ निकालकर हवा को महसूस किया है। अगर आप बाइक पर पीछे बैठे हैं तो दोनों हाथ फैला कर हथेली को थोड़ा सिकोड़ कर हवा को कैद करके देख सकते हैं या फिर कार में हैं तो दोनों हाथ ना फैलायें कोई फ़ायदा नहीं है क्योंकि हाथ दूसरी खिड़की से निकालने के लिए कानून जितने लंबे हाथ चाहिए और ध्यान रहे कि रुकी हुई कार में ये स्टंट ना करें क्या पता कोई आपके हाथ पर सिक्का रख जाए, अगर बस में हैं तो भी एक ही हाथ बाहर निकालें और ध्यान रहे कि बगल वाली खिड़की पर कोई उल्टी तो नहीं कर रहा है।
इतनी सावधानी और Terms and conditions apply करने के बाद मुख्य बात पर आते हैं कि जब आप हथेली थोड़ा सिकोड़ कर रखते हैं तो लगता है जैसे रिक्त स्थान में हवा भर गई है, वाहन जितना तेज होगा हवा उतने ही वेग से आयेगी और बदलती जायेगी और अंत में जब यात्रा समाप्त हो जाये तो आप मुठ्ठी बन्द कर लेना तब आपको पता चलेगा कि मुठ्ठी में कोई हवा नहीं है, आपके दोनों हाथ बिल्कुल खाली हैं।
ठीक इसी प्रकार हम लोग भी दोनों हाथ खोलकर जिंदगी की रफ्तार को बढ़ाते जाते हैं कि ज्यादा कुछ हासिल हो जाएगा मगर हम ये भूल जाते हैं कि जितना हाथों में रिक्त स्थान है, हम उतना ही भर पाते हैं बाकी सब कुछ पीछे छूटता जाता है और अंत में जब सफ़र समाप्त होता है तो दोनों मुठ्ठी खाली ही रहती हैं।
सब मोह माया है!
अह्म ब्रह्मास्मि🙏
Note- कृपया हाथ फैलाने वाला स्टंट खुली और शांत सड़क पर ही करें क्योंकि पता चला हवा लेने के चक्कर में कोई दूसरे वाहन वाला आपको लपेट जाये।
~ यातायात एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनहित में जारी
इतनी सावधानी और Terms and conditions apply करने के बाद मुख्य बात पर आते हैं कि जब आप हथेली थोड़ा सिकोड़ कर रखते हैं तो लगता है जैसे रिक्त स्थान में हवा भर गई है, वाहन जितना तेज होगा हवा उतने ही वेग से आयेगी और बदलती जायेगी और अंत में जब यात्रा समाप्त हो जाये तो आप मुठ्ठी बन्द कर लेना तब आपको पता चलेगा कि मुठ्ठी में कोई हवा नहीं है, आपके दोनों हाथ बिल्कुल खाली हैं।
ठीक इसी प्रकार हम लोग भी दोनों हाथ खोलकर जिंदगी की रफ्तार को बढ़ाते जाते हैं कि ज्यादा कुछ हासिल हो जाएगा मगर हम ये भूल जाते हैं कि जितना हाथों में रिक्त स्थान है, हम उतना ही भर पाते हैं बाकी सब कुछ पीछे छूटता जाता है और अंत में जब सफ़र समाप्त होता है तो दोनों मुठ्ठी खाली ही रहती हैं।
सब मोह माया है!
अह्म ब्रह्मास्मि🙏
Note- कृपया हाथ फैलाने वाला स्टंट खुली और शांत सड़क पर ही करें क्योंकि पता चला हवा लेने के चक्कर में कोई दूसरे वाहन वाला आपको लपेट जाये।
~ यातायात एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनहित में जारी
Comments
Post a Comment
Please express your views Here!