जैसे किसी बाग में पौधों पर फूल ना खिल सकें तो हवा, पानी, खाद, बीज कई कारण हो सकते हैं परंतु इन सबमें से मुख्य कारण माली का सजग ना होना माना जायेगा, ऐसे ही अगर किसी बच्चे के चेहरे पर अगर फूल ना खिल रहे हों, उसके भीतर से ऊर्जा उछाल नहीं मार रही तो इसका पूरा दोष माता पिता को दिया जाना चाहिए। ~ #ShubhankarThinks
शराब पीने का मैं आदी नहीं था, मगर
तेरी आँखों की मयकशी, अब लत बन गयी है|
घुटन होती थी मुझे चादर ओढ़ने में, मगर
मखमली सा जिस्म ओढ़ना, आदत बन गयी है।
मैं था काफ़िर जो ना कभी दुआ पढ़ता था, मगर
तुझे होठों से छूना, अब इबादत बन गयी है|
मुझे ना खौफ़ है, मौत के आ जाने का,
तेरी धड़कनों की रफ़्तार, क़यामत बन गयी है।
तूफ़ान हल्का होता तो खुद में समेट लेता मगर
गर्म साँसे और सिसकियाँ आफ़त बन गयी हैं।
#ShubhankarThinks
Beautiful 💖
ReplyDeleteBeautiful ��
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