कभी कभी घिर जाते हैं हम गहरे किसी दलदल में, फँस जाते हैं जिंदगी के चक्के किसी कीचड़ में, तब जिंदगी चलती भी है तो रेंगकर, लगता है सब रुका हुआ सा। बेहोशी में लगता है सब सही है, पता नहीं रहता अपने होने का भी, तब बेहोशी हमें पता नहीं लगने देती कि होश पूरा जा चुका है। ठीक भी है बेहोशी ना हो तो पता कैसे लगाइएगा की होश में रहना क्या होता है, विपरीत से ही दूसरे विपरीत को प्रकाश मिलता है अन्यथा महत्व क्या रह जायेगा किसी भी बात का फिर तो सही भी ना रहेगा गलत भी ना रहेगा सब शून्य रहेगा। बेहोशी भी रूकती नहीं हमेशा के लिए कभी आते हैं ऐसे क्षण भी जब एक दम से यूटूर्न मार जाती है आपकी नियति, आपको लगता है जैसे आँधी आयी कोई और उसने सब साफ कर दिया, बेहोशी गिर गयी धड़ाम से जमीन पर, आपसे अलग होकर। अभी आप देख पा रहे हो बाहर की चीजें साफ साफ, आपको दिख रहा है कि बेहोशी में जो कुछ चल रहा था वो मेरे भीतर कभी नही चला। जो भी था सब बाहर की बात थी, मैं तो बस भूल गया था खुद को बेहोशी में, ध्यान ना रहा था कि सब जो चल रहा था कोई स्वप्न था। खैर जो भी था सही था, जैसी प्रभु की इच्छा, जब मन किया ध्यान में डुबो दिया जब मन कि
I collaborated this quote because this is important to represent the both sides of a coin.

लड़की वाले ने हर नुक्कड़ पर ज्यादा कमाई करने वाले लड़कों का पता पूछा,फिर शोधकर्ताओं से मंत्रणा करने के बाद ,बड़े संस्कारों से एक लड़के वाले के यहाँ बोले-"देखो हम तो लड़के के स्वभाव की तारीफ सुनकर यहाँ आये हैं|"
#ShubhankarThinks
आपने सामाजिक सत्य बडे सुन्दर शब्दों में प्रस्तुत किया है। परन्तु एक दूसरा यह भी है कि यदि लङके वाले कहते कि उन्हें दहेज में कुछ भी नहीं चाहिये तो लङकी वाले यह सोचकर कि कहीं लङके या इस परिवार में कोई कमी तो नहीं है जो दहेज नहीं मांग रहे, शायद रिश्ता करें या न करें इस दुविधा में घिर जाते।
ReplyDeletesir apne bdi sateek baat kahi haan yhi judgemental ravaiyya galat hai ki koi mang ni rha to uski shadi ni ho pa rhi isliye preshan hai ,
ReplyDeletebhut achha lga sir apne vichar rkhe
सर ये रवैया सिर्फ उनका ही हो सकता है जो।खुद दहेज लेने में विस्वास रखते है
ReplyDeleteShubhankar ji aapne bhut acchi baat kahi hai
ReplyDeleteAaj ke samaj me bahu dahej ke sath or damad amir chahiye aisi soch bn gayi hai or in dono k bich me risto ka sauda hone laga ye cheej me badlao ana hi chahiye
ReplyDeletehAN possible hai
ReplyDeletebhut dhanyvaad apka harshita ki apne blog visit kia apna kimti samay nikalkr
ReplyDeletehaan bdi sateek baat kahi apne
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