प्रेम को जितना भी जाना गया वो बहुत कम जाना गया, प्रेम को किया कम लोगों ने और लिखा ज्यादा गया। ख़ुशी मिली तो लिख दिया बढ़ा चढ़ाकर, मिले ग़म तो बना दिया बीमारी बनाकर। किसी ने बेमन से ही लिख दी दो चार पंक्ति शौकिया तौर पर, कोई शुरुआत पर ही लिखता रहा डुबा डुबा कर। कुछ लगे लोग प्रेम करने ताकि लिखना सीख जाएं, फ़िर वो लिखने में इतने व्यस्त कि भूल गए उसे यथार्थ में उतारना! हैं बहुत कम लोग जो ना बोलते हैं, ना कुछ लिखते हैं उनके पास समय ही नहीं लिखने के लिए, वो डूबे हैं प्रेम में पूरे के पूरे। वो जानते हैं की यह लिखने जितना सरल विषय है ही नहीं इसलिए वो बिना समय व्यर्थ किए कर रहे हैं उस हर पल जीने की। उन्हें दिखाने बताने, समझाने जैसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं दिखती,वो ख़ुद पूरे के पूरे प्रमाण हैं, उनका एक एक अंश इतना पुलकित होगा कि संपर्क में आया प्रत्येक व्यक्ति उस उत्सव में शामिल हुए बिना नहीं रह पायेगा। वो चलते फिरते बस बांट रहे होंगे, रस ही रस। ~ #ShubhankarThinks
विस्फोटकों के डर से,
सेना हटती नहीं हमारी!

अरि दल की साजिशों से ,
गति रुकती नहीं हमारी!
अवशेष ,संस्कृति से ,
दृष्टि हटती नहीं हमारी !
अपवाद बंदिशों से ,
छवि डिगती नहीं हमारी !
कुछ खास है हममें ,
की हस्ती मिटती नहीं हमारी !
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||
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आदर्श देख इसके
लोग सुदूर से आते हैं ,
विचार देख इसके,
चकित रह जाते हैं!
सत्कार देख यहां का,
वो यहीं बस जाते हैं !
आलोचकों के इरादे सब ,
धरे के धरे रह जाते हैं ||
कोशिश हजार कर लो ,
बंदिश लगा के धर लो !
कसमें लगा लो जितनी ,
ताकत लगा लो जितनी !
मुँह एक साथ खोलेंगे ,
फिर एक स्वर में बोलेंगे -
"आसानी से मिटा दोगे,
हस्ती इतनी छोटी नहीं हमारी !
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा" ||
कितने भी जाति , धर्म
और प्रान्त बना लो ,
छल-प्रपंच सारे तुम लगा लो !
सब अपने अपने गुट बना लो ,
फिर सज्जनों में फूट डालो!
चाहे धर्म की तुम लड़ाईयां लड़ा लो ,
फिर हवाओं में जादू डोलेगा,
देशप्रेम का अमृत घोलेगा !
हर युवा शान से बोलेगा -
"सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" ||
स्वतंत्रता के रंग में,
ध्वज देख कर गगन में !
सीना गर्व से चौड़ता है ,
रक्तचाप तेजी से दौड़ता है!
रेशे चढ़ जाते हैं मेरे ,
कलाइयों और हाथों के!
ह्रदय तेज से धड़कता है,
हर एक अंग फडकता !
और मन कामनाओं में डूबा
की यहाँ जन्म हो दोबारा ,
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||
भूतल के अंक में ,
गढ़ा है तिरंगा प्यारा !
समतल से प्रांगण में ,
रहे स्वाभिमान हमारा !
उन्नति के प्रयास हों ,
ये ध्येय रहे हमारा !
हस्ती यूं हीं जीवित रहे ,
उद्देश्य ये हमारा !
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||
जय हिंद, जय भारत !
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आप मेरी इस कविता को मेरी आवाज में सुनना ना भूलें
लिंक
©Confused Thoughts
#sarejahanseacha
सेना हटती नहीं हमारी!

अरि दल की साजिशों से ,
गति रुकती नहीं हमारी!
अवशेष ,संस्कृति से ,
दृष्टि हटती नहीं हमारी !
अपवाद बंदिशों से ,
छवि डिगती नहीं हमारी !
कुछ खास है हममें ,
की हस्ती मिटती नहीं हमारी !
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||
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आदर्श देख इसके
लोग सुदूर से आते हैं ,
विचार देख इसके,
चकित रह जाते हैं!
सत्कार देख यहां का,
वो यहीं बस जाते हैं !
आलोचकों के इरादे सब ,
धरे के धरे रह जाते हैं ||
कोशिश हजार कर लो ,
बंदिश लगा के धर लो !
कसमें लगा लो जितनी ,
ताकत लगा लो जितनी !
मुँह एक साथ खोलेंगे ,
फिर एक स्वर में बोलेंगे -
"आसानी से मिटा दोगे,
हस्ती इतनी छोटी नहीं हमारी !
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा" ||
कितने भी जाति , धर्म
और प्रान्त बना लो ,
छल-प्रपंच सारे तुम लगा लो !
सब अपने अपने गुट बना लो ,
फिर सज्जनों में फूट डालो!
चाहे धर्म की तुम लड़ाईयां लड़ा लो ,
फिर हवाओं में जादू डोलेगा,
देशप्रेम का अमृत घोलेगा !
हर युवा शान से बोलेगा -
"सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" ||
स्वतंत्रता के रंग में,
ध्वज देख कर गगन में !
सीना गर्व से चौड़ता है ,
रक्तचाप तेजी से दौड़ता है!
रेशे चढ़ जाते हैं मेरे ,
कलाइयों और हाथों के!
ह्रदय तेज से धड़कता है,
हर एक अंग फडकता !
और मन कामनाओं में डूबा
की यहाँ जन्म हो दोबारा ,
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||
भूतल के अंक में ,
गढ़ा है तिरंगा प्यारा !
समतल से प्रांगण में ,
रहे स्वाभिमान हमारा !
उन्नति के प्रयास हों ,
ये ध्येय रहे हमारा !
हस्ती यूं हीं जीवित रहे ,
उद्देश्य ये हमारा !
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||
जय हिंद, जय भारत !
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आप मेरी इस कविता को मेरी आवाज में सुनना ना भूलें
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©Confused Thoughts
#sarejahanseacha
Amazing one!!
ReplyDeleteBhut dhanyavaad apki ki apne kavita ko pdha aur saraha
ReplyDeleteइतना अच्छा लिखा है कि हिंदुस्तान
ReplyDeleteआपकी लेखनी से लिखे कविता से और खूबसूरत हो गया है। बहुत खूब। 👌👍💐👏
ReplyDeleteये तो सिर्फ मेरे नजरिये का एक भाग था वरना हिंदुस्तान उससे कही अधिक खूबसूरत है , जिसके लिए मेरी कलम बहुत छोटी रह जाएगी !
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपका की अपने इतने अच्छे से सराहना की !
हमारा हिंदुस्तान वाकई सबसे सुंदर है---उतना ही सुंदर आपने लिखा है।
ReplyDeleteवंदे मातरम।
Bhut dhanyavaad apka
ReplyDeleteJai Hind sir
beautiful, sare jaha se acha hindustan hamara.
ReplyDeleteवाह सर
ReplyDeleteBhut dhanyavaad apka
ReplyDeleteBahut badhiya
ReplyDeleteDhanyavaad apka 🙏
ReplyDeleteBahut acche
ReplyDeleteDhanyavaad apka mam 🙏
ReplyDeleteJai Hind ..Jai Bharat
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteHappy independence Day
ReplyDeleteHappy independence day
ReplyDelete🙏
ReplyDeleteKya khoob likha hai. Waah waah! :)
ReplyDeleteBhut dhanyavaad apka 🙏
ReplyDelete:D
ReplyDeleteBhut sundar
ReplyDeleteSaare jahan se accha Hindustan hamara
Dhanyawad dear
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