*कल्पना कविता का अभिप्राय उस अनुपमा कन्या की छवि से है जो किसी नवयुवक के स्वप्नों में निर्मित हुई है
तुम्हारे बारे में क्या कहूं
शायद तुम कोई सौन्दर्य रस की कविता हो ,
जिसमें समस्त उपमायें सम्मिलित हैं !
नहीं तुम उन सभी दीपों का प्रकाश हो ,
जो मेरे ह्रदय रूपी आंगन में प्रज्वल्लित हैं !
या फिर तुम लेखनी हो किसी प्रेम ग्रन्थ की ,
जो पूर्णतयः हस्तलिखित है !
तुम जरूर पुष्पमाला हो उस प्रेम मन्दिर की,
जिससे समस्त स्थल सुसज्जित है!
तुम कोकिला हो उस उद्यान की,
जो तुम्हारे मधुर स्वरों से कलरवित है !
हां तुम अभिमान हो किसी तुच्छ मनुज का ,
जिसके ह्रदय में तुम्हारी मूर्ति प्रतिष्ठित है!
अब सत्य कहूं या मिथ्य कहूं !
तुम हो भी या नहीं भी ?
या फिर यह सब कल्पित है !
©Confused Thoughts
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Quote
जब आप जिंदगी के किसी मोड़ पर लगातार असफल हो रहे हो तो आपके पास दो रास्ते हैं-
पहला रास्ता यह है, कि आप यहीं रुक जाओ और आने वाली पीढ़ी को यहाँ रुकने के बहाने गिनाओ !
दूसरा यह है, कि आप लगातार प्रयास करते रहो और इतने आगे बढ़ जाओ और खुद किसी का प्रेरणास्रोत बन जाओ|

Thursday, February 16, 2017
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हिन्दी कविता#
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हिन्दी कविता
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Hello, I am Shubhankar Sharma, an Android App developer, a web developer, struggling Youtuber and a part time writer. I love to write poetries, stories and articles as well as I will start writing tips and tutorials about blogging and YouTube video making. I believe in learning and the value of sharing so feel free to ask any technical/Non technical query related to blogging and YouTube, as well as you can ping me for any collaborations.
Mail me at shubhankarsharma428@gmail.com or you can send me a direct message on my whatsapp number +91-7669398097 for business inquiries.
बहुत बहुत बहुत खूबसूरत रचना...👌👌👌👌
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद मैम !
ReplyDeleteवाह भाई बहुत खूबसूरत लिखा है, मजा आ गया सही में। हिंदी बहुत अच्छी है आपकी।
ReplyDeleteये पंक्ति पढ़ कर तो सही में वाह निकली
"या फिर तुम लेखनी हो किसी प्रेम ग्रन्थ की ,
जो पूर्णतयः हस्तलिखित है "
बहुत खूब, लिखते रहिए…:)
Dhanyavaad bhai 🙇🙇🙇
ReplyDeleteतुम जरूर पुष्पमाला हो उस प्रेम मन्दिर की.....👌
ReplyDelete🙏🙏🙏
ReplyDeleteUhhuuun....Sirf smile.....:)
ReplyDeleteHnn shabd nhi Hai mere paas
ReplyDelete....मौन में सब है
ReplyDeleteनहीं वो कल्पना सिर्फ एक कल्पना ही थी वरना प्रेम मेरा प्रिय विषय नहीं है !
ReplyDeleteमैं इस बारे में कुछ खास अच्छा नहीं लिख पाता!
हाँ शब्द नही है मेरे पास....इसलिए मैंने कहा मौन में सब है....हाँ मैं समझ गई वो सिर्फ एक कल्पना है...:)
ReplyDeleteइतना अच्छे से समझने के लिए फिर से धन्यवाद आपका 😀😀
ReplyDelete😁😀
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