प्रेम को जितना भी जाना गया वो बहुत कम जाना गया, प्रेम को किया कम लोगों ने और लिखा ज्यादा गया। ख़ुशी मिली तो लिख दिया बढ़ा चढ़ाकर, मिले ग़म तो बना दिया बीमारी बनाकर। किसी ने बेमन से ही लिख दी दो चार पंक्ति शौकिया तौर पर, कोई शुरुआत पर ही लिखता रहा डुबा डुबा कर। कुछ लगे लोग प्रेम करने ताकि लिखना सीख जाएं, फ़िर वो लिखने में इतने व्यस्त कि भूल गए उसे यथार्थ में उतारना! हैं बहुत कम लोग जो ना बोलते हैं, ना कुछ लिखते हैं उनके पास समय ही नहीं लिखने के लिए, वो डूबे हैं प्रेम में पूरे के पूरे। वो जानते हैं की यह लिखने जितना सरल विषय है ही नहीं इसलिए वो बिना समय व्यर्थ किए कर रहे हैं उस हर पल जीने की। उन्हें दिखाने बताने, समझाने जैसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं दिखती,वो ख़ुद पूरे के पूरे प्रमाण हैं, उनका एक एक अंश इतना पुलकित होगा कि संपर्क में आया प्रत्येक व्यक्ति उस उत्सव में शामिल हुए बिना नहीं रह पायेगा। वो चलते फिरते बस बांट रहे होंगे, रस ही रस। ~ #ShubhankarThinks
सारा दृश्य भोलेनाथ समाधी में बैठे बैठे देख रहे थे मगर सती के यूँ अग्नि में कूदने से वो विचलित हो उठे -
अब आगे

भंगुर हुई समाधि कालेश्वर की
लाल मुख नेत्र विकराल महेश्वर की
गण चकित हुए ,भूत प्रेत मन ही मन बोले
क्या त्रुटि हुई हमसे भोले ,हमें क्षमा करो हे भोले !
फिर प्रकट हुए वो कनखल में
शांति सी छा गयी समस्त हलचल में
डगमग डगमग दिक् गज डोले
जब क्रोधित हुए बम भोले!
पृथ्वी आकाश पाताल
अग्नि वायु और भुताल,
गौ, कच्छप ,गज और ब्रह्माण्ड
सब भयभीत थे ऐसे जैसे
अब होगा कोई भीषण विश्व संग्राम !
पक्षी जंतु सब स्तब्ध खड़े थे
देव जन नतमस्तक पड़े थे ,
हुआ शांत प्रकृति का संगीत अब
सामान्य जन का तो हाल व्यथित था
कुछ मूर्छित थे बाकि भयभीत थे सब !
देख सती को दहनते हुए
महादेव प्रेम से द्रवित हुए ,
दहाड़ उठे वो गगन तक
कन्धों पर शव सती का लिए !

गर्जना सुन गगन तक डोला
जब ताण्डव नृत्य करने लगे बम भोला
नेत्रों में ज्वाला झांक रही थी
वसुधा भी थर थर काँप रही थी
आशंका थी उसे विनाश प्रलय की
नृत्य का भार वो भलीभांति भांप रही थी !!
.ऋषि ,मुनि ,राक्षस ,चांडाल ,श्वान
मनुज , देव और जन जीव तमाम
रहे देख रौद्र रूप का स्वांग
और लगा रहे त्रिदेव का ध्यान
रक्षा करो हे भगवान !
तब हरी ने अवतार लिया
तर्जनी में सुदर्शन धार लिया ,
भूतेश्वर यत्र तत्र भाग रहे थे
हरी अंग सती के काट रहे थे
जब नहीं शेष रहा कोई अंग सती का ,
तांडव स्थगित हुआ कैलाशपति का
भ्रमण पुनः आरम्भ हुआ वसुंधरा का
प्रवाह चला पवन और गंगा का !
गिरे अंग सती के इक्यावन स्थान
वो सभी आज हैं तीर्थ धाम
गण, देव , भूतप्रेत सब एक स्वर में बोले
बम बम भोले बम बम भोले !
-कथा समाप्त -
सती कथा -१
अगर आप पढ़ रहे हैं तो एक बार
बम बम भोले बोलें और मेरा उत्साहवर्धन करें !
धन्यवाद
©Confused Thoughts
अब आगे
भंगुर हुई समाधि कालेश्वर की
लाल मुख नेत्र विकराल महेश्वर की
गण चकित हुए ,भूत प्रेत मन ही मन बोले
क्या त्रुटि हुई हमसे भोले ,हमें क्षमा करो हे भोले !
फिर प्रकट हुए वो कनखल में
शांति सी छा गयी समस्त हलचल में
डगमग डगमग दिक् गज डोले
जब क्रोधित हुए बम भोले!
पृथ्वी आकाश पाताल
अग्नि वायु और भुताल,
गौ, कच्छप ,गज और ब्रह्माण्ड
सब भयभीत थे ऐसे जैसे
अब होगा कोई भीषण विश्व संग्राम !
पक्षी जंतु सब स्तब्ध खड़े थे
देव जन नतमस्तक पड़े थे ,
हुआ शांत प्रकृति का संगीत अब
सामान्य जन का तो हाल व्यथित था
कुछ मूर्छित थे बाकि भयभीत थे सब !
देख सती को दहनते हुए
महादेव प्रेम से द्रवित हुए ,
दहाड़ उठे वो गगन तक
कन्धों पर शव सती का लिए !
गर्जना सुन गगन तक डोला
जब ताण्डव नृत्य करने लगे बम भोला
नेत्रों में ज्वाला झांक रही थी
वसुधा भी थर थर काँप रही थी
आशंका थी उसे विनाश प्रलय की
नृत्य का भार वो भलीभांति भांप रही थी !!
.ऋषि ,मुनि ,राक्षस ,चांडाल ,श्वान
मनुज , देव और जन जीव तमाम
रहे देख रौद्र रूप का स्वांग
और लगा रहे त्रिदेव का ध्यान
रक्षा करो हे भगवान !
तब हरी ने अवतार लिया
तर्जनी में सुदर्शन धार लिया ,
भूतेश्वर यत्र तत्र भाग रहे थे
हरी अंग सती के काट रहे थे
जब नहीं शेष रहा कोई अंग सती का ,
तांडव स्थगित हुआ कैलाशपति का
भ्रमण पुनः आरम्भ हुआ वसुंधरा का
प्रवाह चला पवन और गंगा का !
गिरे अंग सती के इक्यावन स्थान
वो सभी आज हैं तीर्थ धाम
गण, देव , भूतप्रेत सब एक स्वर में बोले
बम बम भोले बम बम भोले !
-कथा समाप्त -
सती कथा -१
अगर आप पढ़ रहे हैं तो एक बार
बम बम भोले बोलें और मेरा उत्साहवर्धन करें !
धन्यवाद
©Confused Thoughts
जय महाकाल🙏🙏🙏
ReplyDeleteJai mahakal
ReplyDeleteबम बम भोले! बहुत खूब लिखा है! Happy Shivratri 🙏
ReplyDeleteApko BHI Shubhkamnaye
ReplyDeleteMahashivratri ki bohot bhot shubhkamnaye....
ReplyDeleteApko BHI dher sari Shubhkamnaye!
ReplyDeleteBholenath apki varchaswata sudoor TK failaye
Thanks..!
ReplyDelete🙌
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