कभी कभी घिर जाते हैं हम गहरे किसी दलदल में, फँस जाते हैं जिंदगी के चक्के किसी कीचड़ में, तब जिंदगी चलती भी है तो रेंगकर, लगता है सब रुका हुआ सा। बेहोशी में लगता है सब सही है, पता नहीं रहता अपने होने का भी, तब बेहोशी हमें पता नहीं लगने देती कि होश पूरा जा चुका है। ठीक भी है बेहोशी ना हो तो पता कैसे लगाइएगा की होश में रहना क्या होता है, विपरीत से ही दूसरे विपरीत को प्रकाश मिलता है अन्यथा महत्व क्या रह जायेगा किसी भी बात का फिर तो सही भी ना रहेगा गलत भी ना रहेगा सब शून्य रहेगा। बेहोशी भी रूकती नहीं हमेशा के लिए कभी आते हैं ऐसे क्षण भी जब एक दम से यूटूर्न मार जाती है आपकी नियति, आपको लगता है जैसे आँधी आयी कोई और उसने सब साफ कर दिया, बेहोशी गिर गयी धड़ाम से जमीन पर, आपसे अलग होकर। अभी आप देख पा रहे हो बाहर की चीजें साफ साफ, आपको दिख रहा है कि बेहोशी में जो कुछ चल रहा था वो मेरे भीतर कभी नही चला। जो भी था सब बाहर की बात थी, मैं तो बस भूल गया था खुद को बेहोशी में, ध्यान ना रहा था कि सब जो चल रहा था कोई स्वप्न था। खैर जो भी था सही था, जैसी प्रभु की इच्छा, जब मन किया ध्यान में डुबो दिया जब मन कि
मतलबी सी दुनिया है
बातें मतलबी सी हैं !
बिल्कुल ऐसे जैसे
बातों में फरेब है
या फिर
फरेब की सी बातें हैं !!
मैं भी मतलबी हूं यार
तू भी मतलबी है यार,
मतलबों की दोस्ती है
या मैं कहुं
दोस्ती में कोई मतलब है छिपा !
मतलबी हर कोई इंसान है
मतलबी सारा जहान है ,
मतलब के लिए रिश्ते हैं
या फिर
रिश्तों में भी मतलब मिला है
पता नहीं ये खुद बने थे ,
या फिर किसी मतलब के लिए बनाये गये थे !!
मतलबी सा प्यार है सब
मतलब के लिए दिलदार हैं सब
मैं भी मतलबी हूं यार क्योंकि
मतलबी संसार है अब !!
©Confused Thoughts
बातें मतलबी सी हैं !
बिल्कुल ऐसे जैसे
बातों में फरेब है
या फिर
फरेब की सी बातें हैं !!
मैं भी मतलबी हूं यार
तू भी मतलबी है यार,
मतलबों की दोस्ती है
या मैं कहुं
दोस्ती में कोई मतलब है छिपा !
मतलबी हर कोई इंसान है
मतलबी सारा जहान है ,
मतलब के लिए रिश्ते हैं
या फिर
रिश्तों में भी मतलब मिला है
पता नहीं ये खुद बने थे ,
या फिर किसी मतलब के लिए बनाये गये थे !!
मतलबी सा प्यार है सब
मतलब के लिए दिलदार हैं सब
मैं भी मतलबी हूं यार क्योंकि
मतलबी संसार है अब !!
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