प्रेम को जितना भी जाना गया वो बहुत कम जाना गया, प्रेम को किया कम लोगों ने और लिखा ज्यादा गया। ख़ुशी मिली तो लिख दिया बढ़ा चढ़ाकर, मिले ग़म तो बना दिया बीमारी बनाकर। किसी ने बेमन से ही लिख दी दो चार पंक्ति शौकिया तौर पर, कोई शुरुआत पर ही लिखता रहा डुबा डुबा कर। कुछ लगे लोग प्रेम करने ताकि लिखना सीख जाएं, फ़िर वो लिखने में इतने व्यस्त कि भूल गए उसे यथार्थ में उतारना! हैं बहुत कम लोग जो ना बोलते हैं, ना कुछ लिखते हैं उनके पास समय ही नहीं लिखने के लिए, वो डूबे हैं प्रेम में पूरे के पूरे। वो जानते हैं की यह लिखने जितना सरल विषय है ही नहीं इसलिए वो बिना समय व्यर्थ किए कर रहे हैं उस हर पल जीने की। उन्हें दिखाने बताने, समझाने जैसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं दिखती,वो ख़ुद पूरे के पूरे प्रमाण हैं, उनका एक एक अंश इतना पुलकित होगा कि संपर्क में आया प्रत्येक व्यक्ति उस उत्सव में शामिल हुए बिना नहीं रह पायेगा। वो चलते फिरते बस बांट रहे होंगे, रस ही रस। ~ #ShubhankarThinks
वो आज हमारे पास आकर कठोर स्वर में बोले,
"तुम खुद को समझते क्या हो?
नहीं करनी अब मुझे कोई वार्तालाप तुमसे!
अब नहीं करूंगी छिपकर मिलाप तुमसे!"
हमसे रुष्ट हुए अभी कुछ पल ही गुजरे थें,
एक व्यंग्य हमें भी सुझा और हम बोले,
"नाराज रहने से हम रिश्तों को खोते हैं।
पहले बात को समझिए - हर बात के दो पहलू होते हैं।"
कुछ नाराजगी भी चरम पर थी उनकी,
वो तपाक से हम पर पलटकर बोले,
"तुम्हारी बातें मेरे लिए अब व्यर्थ जैसी हैं,
क्योंकि तुम्हारी सारी गलतियां खुद मैंने अपनी आंखों से देखी हैं।
अब तुम कह भी कैसे सकते हो- हर बात के दो पहलू होते हैं!"
अब दुविधा बड़ी आन पड़ी थी,
फिर हम कुछ सोचकर बोले-
" कुछ त्रुटियां हमसे भूलवश हुईं थीं,
तो कुछ आपने बदले में की थीं।
मैं मानता हूं आपके मस्तिष्क में अब मेरे लिए विरोध होते हैं।
मगर वार्तालाप से मुद्दा सुलझ सकता है।
आपको हमसे बात करने में क्या अवरोध होते हैं?
मैं फिर से कहूंगा- हर बात के दो पहलू होते हैं!"
अब वो कुछ शांत होकर बोले-
"तुम्हारा निवेदन कभी अस्वीकार नहीं कर सकती
और दोबारा तुमसे वार्तालाप की तो
रिश्ते से इंकार नहीं कर सकती।
ये तुम्हारे सारे उपाय मुझे पहले से ज्ञात होते हैं।
सब कुछ जानकर भी अज्ञान बन जाती हूं,
बिना बात किए मैं खुद परेशान हो जाती हूं।
अपनी बातों में मधुर विष घोले हो,
हर बार की भांति तुम शब्दों से खेले हो!
तुम्हारे शब्द मेरे लिए कुछ मायावी - से होते हैं,
ठीक ही कहते हो- हर बात के दो पहलू होते हैं!"
अब ये सब सुनकर मैं कुछ मुस्कुराया और बचाव में बोला,
"एक पहलू तुम्हारा सही था,
एक पहलू मेरा भी सही था
और एक है हमारा तालमेल,
जिसमें दोनों सही होते हैं।
इसलिए पगली! दो नहीं, बात के तो तीन पहलू होते हैं!
https://youtu.be/hqLoodfHNxg
ए क तुच्छ सा प्रयास है आपकी राय की चाहूंगा ! आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं
आपका - शिवा
©Confused Thought
Email - shubhankarsharma428@gmail.com
"तुम खुद को समझते क्या हो?
नहीं करनी अब मुझे कोई वार्तालाप तुमसे!
अब नहीं करूंगी छिपकर मिलाप तुमसे!"
हमसे रुष्ट हुए अभी कुछ पल ही गुजरे थें,
एक व्यंग्य हमें भी सुझा और हम बोले,
"नाराज रहने से हम रिश्तों को खोते हैं।
पहले बात को समझिए - हर बात के दो पहलू होते हैं।"
कुछ नाराजगी भी चरम पर थी उनकी,
वो तपाक से हम पर पलटकर बोले,
"तुम्हारी बातें मेरे लिए अब व्यर्थ जैसी हैं,
क्योंकि तुम्हारी सारी गलतियां खुद मैंने अपनी आंखों से देखी हैं।
अब तुम कह भी कैसे सकते हो- हर बात के दो पहलू होते हैं!"
अब दुविधा बड़ी आन पड़ी थी,
फिर हम कुछ सोचकर बोले-
" कुछ त्रुटियां हमसे भूलवश हुईं थीं,
तो कुछ आपने बदले में की थीं।
मैं मानता हूं आपके मस्तिष्क में अब मेरे लिए विरोध होते हैं।
मगर वार्तालाप से मुद्दा सुलझ सकता है।
आपको हमसे बात करने में क्या अवरोध होते हैं?
मैं फिर से कहूंगा- हर बात के दो पहलू होते हैं!"
अब वो कुछ शांत होकर बोले-
"तुम्हारा निवेदन कभी अस्वीकार नहीं कर सकती
और दोबारा तुमसे वार्तालाप की तो
रिश्ते से इंकार नहीं कर सकती।
ये तुम्हारे सारे उपाय मुझे पहले से ज्ञात होते हैं।
सब कुछ जानकर भी अज्ञान बन जाती हूं,
बिना बात किए मैं खुद परेशान हो जाती हूं।
अपनी बातों में मधुर विष घोले हो,
हर बार की भांति तुम शब्दों से खेले हो!
तुम्हारे शब्द मेरे लिए कुछ मायावी - से होते हैं,
ठीक ही कहते हो- हर बात के दो पहलू होते हैं!"
अब ये सब सुनकर मैं कुछ मुस्कुराया और बचाव में बोला,
"एक पहलू तुम्हारा सही था,
एक पहलू मेरा भी सही था
और एक है हमारा तालमेल,
जिसमें दोनों सही होते हैं।
इसलिए पगली! दो नहीं, बात के तो तीन पहलू होते हैं!
https://youtu.be/hqLoodfHNxg
ए क तुच्छ सा प्रयास है आपकी राय की चाहूंगा ! आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं
आपका - शिवा
©Confused Thought
Email - shubhankarsharma428@gmail.com
👏👏👏
ReplyDeleteधन्यवाद मैम ! आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए महत्वपूर्ण है 🙏
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