प्रेम को जितना भी जाना गया वो बहुत कम जाना गया, प्रेम को किया कम लोगों ने और लिखा ज्यादा गया। ख़ुशी मिली तो लिख दिया बढ़ा चढ़ाकर, मिले ग़म तो बना दिया बीमारी बनाकर। किसी ने बेमन से ही लिख दी दो चार पंक्ति शौकिया तौर पर, कोई शुरुआत पर ही लिखता रहा डुबा डुबा कर। कुछ लगे लोग प्रेम करने ताकि लिखना सीख जाएं, फ़िर वो लिखने में इतने व्यस्त कि भूल गए उसे यथार्थ में उतारना! हैं बहुत कम लोग जो ना बोलते हैं, ना कुछ लिखते हैं उनके पास समय ही नहीं लिखने के लिए, वो डूबे हैं प्रेम में पूरे के पूरे। वो जानते हैं की यह लिखने जितना सरल विषय है ही नहीं इसलिए वो बिना समय व्यर्थ किए कर रहे हैं उस हर पल जीने की। उन्हें दिखाने बताने, समझाने जैसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं दिखती,वो ख़ुद पूरे के पूरे प्रमाण हैं, उनका एक एक अंश इतना पुलकित होगा कि संपर्क में आया प्रत्येक व्यक्ति उस उत्सव में शामिल हुए बिना नहीं रह पायेगा। वो चलते फिरते बस बांट रहे होंगे, रस ही रस। ~ #ShubhankarThinks
जैसा कि जगत विदित है,८नवम्बर को प्रधानमंत्री जी ने एक नोट बन्दी नाम से बम फोडा ,जिसके प्रभाव से अनेक लोगों को तरह तरह की असुविधायें हुईं !
मगर शादियों पर इसका मुख्य प्रभाव पडा !जैसा कि केजरीवाल जी ने बताया के सालियों को हम चैक तो नहीं दे सकते ,मनीष सिसौदिया जी ने इस बात का पुरजोर सहयोग किया और सालियों के हक की लडाई की बात की ! सिलसिला यही नहीं थमा हमारे कुछ और नेताओं का साली प्रेम इतना जागा उन्होने बौखलाहट में सालियों को इन्साफ दिलाने की एक मुहिम छेड दी |
शादियों का सीजन है, अब जैसे ही सालियों को इस मामले के बारे में पता चला ,उनका वर्षों पुराना दर्द हरा हो गया जब उन्हें जूता चुराई के लिए मात्र ११ रुपये दिये जाते थे ! उन्होने मिलकर एक संघ बनाने की मांग तक कर डाली, "अखिल भारतीय जूता चुराई संघ" और अपने पुराने धन को वापस लेने के लिए जीजा पर केस करने की कवायद शुरू कर दी |
इस बात का प्रभाव आम आदमी तक ही नहीं रूका !इसकी आंच नेताओं तक आयी, केजरीवाल जी, आशुतोष यहां तक की कुमार अविश्वास से भी सालियों का विश्वास उठ गया और उन्होने बकाया राशि की मांग की |
अब केजरीवाल जी दुविधा में हैं !बोल रहे हैं," ये सब क्या करा रहे हैं मोदी जी !ये तो अच्छी बात नहीं है ,खुद की तो साली है नहीं इसलिए हम सबके लिए साजिश रच दी! पिछले १५ दिन से एक मूवी तक नहीं देख पाया हूं जी ! जीना हराम कर दिया है , सिर्फ आपके ही बागों में बहार रहेगी ,हमारा कोई हक नहीं शादी में जाने का ,शादी की दावत के मेन्यू से डोसा ,पावभाजी गायब हैं ,डांस करने के लिए डीजे नहीं हैं |"
"तरस नहीं आता आपको भारत की जनता पर , १५ दिन से लोग शराब की बोतल नहीं खरीद पा रहे ,शहर के लोग डिस्को नहीं जा रहे ,ऑडी,एसयूवी सब घर खडी हैं ,लोग मर रहे हैं हर्ट अटैक से और कितनी जाने लेंगे आप मोदी जी? "
. (सूत्रों के अनुसार खबर प्रकाशित की गयी है साथ में व्यंग के लिए नमक मिर्च लगायें गयी है!
https://www.youtube.com/watch?v=aolx1Vr72sA
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मगर शादियों पर इसका मुख्य प्रभाव पडा !जैसा कि केजरीवाल जी ने बताया के सालियों को हम चैक तो नहीं दे सकते ,मनीष सिसौदिया जी ने इस बात का पुरजोर सहयोग किया और सालियों के हक की लडाई की बात की ! सिलसिला यही नहीं थमा हमारे कुछ और नेताओं का साली प्रेम इतना जागा उन्होने बौखलाहट में सालियों को इन्साफ दिलाने की एक मुहिम छेड दी |
शादियों का सीजन है, अब जैसे ही सालियों को इस मामले के बारे में पता चला ,उनका वर्षों पुराना दर्द हरा हो गया जब उन्हें जूता चुराई के लिए मात्र ११ रुपये दिये जाते थे ! उन्होने मिलकर एक संघ बनाने की मांग तक कर डाली, "अखिल भारतीय जूता चुराई संघ" और अपने पुराने धन को वापस लेने के लिए जीजा पर केस करने की कवायद शुरू कर दी |
इस बात का प्रभाव आम आदमी तक ही नहीं रूका !इसकी आंच नेताओं तक आयी, केजरीवाल जी, आशुतोष यहां तक की कुमार अविश्वास से भी सालियों का विश्वास उठ गया और उन्होने बकाया राशि की मांग की |
अब केजरीवाल जी दुविधा में हैं !बोल रहे हैं," ये सब क्या करा रहे हैं मोदी जी !ये तो अच्छी बात नहीं है ,खुद की तो साली है नहीं इसलिए हम सबके लिए साजिश रच दी! पिछले १५ दिन से एक मूवी तक नहीं देख पाया हूं जी ! जीना हराम कर दिया है , सिर्फ आपके ही बागों में बहार रहेगी ,हमारा कोई हक नहीं शादी में जाने का ,शादी की दावत के मेन्यू से डोसा ,पावभाजी गायब हैं ,डांस करने के लिए डीजे नहीं हैं |"
"तरस नहीं आता आपको भारत की जनता पर , १५ दिन से लोग शराब की बोतल नहीं खरीद पा रहे ,शहर के लोग डिस्को नहीं जा रहे ,ऑडी,एसयूवी सब घर खडी हैं ,लोग मर रहे हैं हर्ट अटैक से और कितनी जाने लेंगे आप मोदी जी? "
. (सूत्रों के अनुसार खबर प्रकाशित की गयी है साथ में व्यंग के लिए नमक मिर्च लगायें गयी है!
https://www.youtube.com/watch?v=aolx1Vr72sA
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