कभी कभी घिर जाते हैं हम गहरे किसी दलदल में, फँस जाते हैं जिंदगी के चक्के किसी कीचड़ में, तब जिंदगी चलती भी है तो रेंगकर, लगता है सब रुका हुआ सा। बेहोशी में लगता है सब सही है, पता नहीं रहता अपने होने का भी, तब बेहोशी हमें पता नहीं लगने देती कि होश पूरा जा चुका है। ठीक भी है बेहोशी ना हो तो पता कैसे लगाइएगा की होश में रहना क्या होता है, विपरीत से ही दूसरे विपरीत को प्रकाश मिलता है अन्यथा महत्व क्या रह जायेगा किसी भी बात का फिर तो सही भी ना रहेगा गलत भी ना रहेगा सब शून्य रहेगा। बेहोशी भी रूकती नहीं हमेशा के लिए कभी आते हैं ऐसे क्षण भी जब एक दम से यूटूर्न मार जाती है आपकी नियति, आपको लगता है जैसे आँधी आयी कोई और उसने सब साफ कर दिया, बेहोशी गिर गयी धड़ाम से जमीन पर, आपसे अलग होकर। अभी आप देख पा रहे हो बाहर की चीजें साफ साफ, आपको दिख रहा है कि बेहोशी में जो कुछ चल रहा था वो मेरे भीतर कभी नही चला। जो भी था सब बाहर की बात थी, मैं तो बस भूल गया था खुद को बेहोशी में, ध्यान ना रहा था कि सब जो चल रहा था कोई स्वप्न था। खैर जो भी था सही था, जैसी प्रभु की इच्छा, जब मन किया ध्यान में डुबो दिया जब मन कि
जैसा कि जगत विदित है,८नवम्बर को प्रधानमंत्री जी ने एक नोट बन्दी नाम से बम फोडा ,जिसके प्रभाव से अनेक लोगों को तरह तरह की असुविधायें हुईं !
मगर शादियों पर इसका मुख्य प्रभाव पडा !जैसा कि केजरीवाल जी ने बताया के सालियों को हम चैक तो नहीं दे सकते ,मनीष सिसौदिया जी ने इस बात का पुरजोर सहयोग किया और सालियों के हक की लडाई की बात की ! सिलसिला यही नहीं थमा हमारे कुछ और नेताओं का साली प्रेम इतना जागा उन्होने बौखलाहट में सालियों को इन्साफ दिलाने की एक मुहिम छेड दी |
शादियों का सीजन है, अब जैसे ही सालियों को इस मामले के बारे में पता चला ,उनका वर्षों पुराना दर्द हरा हो गया जब उन्हें जूता चुराई के लिए मात्र ११ रुपये दिये जाते थे ! उन्होने मिलकर एक संघ बनाने की मांग तक कर डाली, "अखिल भारतीय जूता चुराई संघ" और अपने पुराने धन को वापस लेने के लिए जीजा पर केस करने की कवायद शुरू कर दी |
इस बात का प्रभाव आम आदमी तक ही नहीं रूका !इसकी आंच नेताओं तक आयी, केजरीवाल जी, आशुतोष यहां तक की कुमार अविश्वास से भी सालियों का विश्वास उठ गया और उन्होने बकाया राशि की मांग की |
अब केजरीवाल जी दुविधा में हैं !बोल रहे हैं," ये सब क्या करा रहे हैं मोदी जी !ये तो अच्छी बात नहीं है ,खुद की तो साली है नहीं इसलिए हम सबके लिए साजिश रच दी! पिछले १५ दिन से एक मूवी तक नहीं देख पाया हूं जी ! जीना हराम कर दिया है , सिर्फ आपके ही बागों में बहार रहेगी ,हमारा कोई हक नहीं शादी में जाने का ,शादी की दावत के मेन्यू से डोसा ,पावभाजी गायब हैं ,डांस करने के लिए डीजे नहीं हैं |"
"तरस नहीं आता आपको भारत की जनता पर , १५ दिन से लोग शराब की बोतल नहीं खरीद पा रहे ,शहर के लोग डिस्को नहीं जा रहे ,ऑडी,एसयूवी सब घर खडी हैं ,लोग मर रहे हैं हर्ट अटैक से और कितनी जाने लेंगे आप मोदी जी? "
. (सूत्रों के अनुसार खबर प्रकाशित की गयी है साथ में व्यंग के लिए नमक मिर्च लगायें गयी है!
https://www.youtube.com/watch?v=aolx1Vr72sA
____
मगर शादियों पर इसका मुख्य प्रभाव पडा !जैसा कि केजरीवाल जी ने बताया के सालियों को हम चैक तो नहीं दे सकते ,मनीष सिसौदिया जी ने इस बात का पुरजोर सहयोग किया और सालियों के हक की लडाई की बात की ! सिलसिला यही नहीं थमा हमारे कुछ और नेताओं का साली प्रेम इतना जागा उन्होने बौखलाहट में सालियों को इन्साफ दिलाने की एक मुहिम छेड दी |
शादियों का सीजन है, अब जैसे ही सालियों को इस मामले के बारे में पता चला ,उनका वर्षों पुराना दर्द हरा हो गया जब उन्हें जूता चुराई के लिए मात्र ११ रुपये दिये जाते थे ! उन्होने मिलकर एक संघ बनाने की मांग तक कर डाली, "अखिल भारतीय जूता चुराई संघ" और अपने पुराने धन को वापस लेने के लिए जीजा पर केस करने की कवायद शुरू कर दी |
इस बात का प्रभाव आम आदमी तक ही नहीं रूका !इसकी आंच नेताओं तक आयी, केजरीवाल जी, आशुतोष यहां तक की कुमार अविश्वास से भी सालियों का विश्वास उठ गया और उन्होने बकाया राशि की मांग की |
अब केजरीवाल जी दुविधा में हैं !बोल रहे हैं," ये सब क्या करा रहे हैं मोदी जी !ये तो अच्छी बात नहीं है ,खुद की तो साली है नहीं इसलिए हम सबके लिए साजिश रच दी! पिछले १५ दिन से एक मूवी तक नहीं देख पाया हूं जी ! जीना हराम कर दिया है , सिर्फ आपके ही बागों में बहार रहेगी ,हमारा कोई हक नहीं शादी में जाने का ,शादी की दावत के मेन्यू से डोसा ,पावभाजी गायब हैं ,डांस करने के लिए डीजे नहीं हैं |"
"तरस नहीं आता आपको भारत की जनता पर , १५ दिन से लोग शराब की बोतल नहीं खरीद पा रहे ,शहर के लोग डिस्को नहीं जा रहे ,ऑडी,एसयूवी सब घर खडी हैं ,लोग मर रहे हैं हर्ट अटैक से और कितनी जाने लेंगे आप मोदी जी? "
. (सूत्रों के अनुसार खबर प्रकाशित की गयी है साथ में व्यंग के लिए नमक मिर्च लगायें गयी है!
https://www.youtube.com/watch?v=aolx1Vr72sA
____
[…] Source: नोट बन्दी का शादियों पर प्रभाव […]
ReplyDelete....🙄
ReplyDelete